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अनन्त-आविर्भाव
सन २००८ में रचित अनन्त-आविर्भाव डॉ• अनन्त के कवि शिष्य सुरेश कुमार शुक्ल 'सन्देश' द्वारा रचित है जिसको उन्होंने ६ सर्गों (क्रमशः सरिद-सम्मलेन, ब्रह्म-सभा, अनन्त-अभिव्यक्ति, नदी काव्य अवतरण, गोला गोकर्ण नाथ में तथा मेरी काव्य दीक्षा) में विभाजित किआ है तथा अपने गुरु को काव्य रूप में यह पुस्तक उन्होंने समर्पित की है।
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