top of page
narmada.jpg

नर्मदा


    भारत की नदियों में मेकलसुता नर्मदा का महत्वपूर्ण स्थान हैै। डा• अनन्त ने नर्मदा नामक आत्मकथात्मक काव्य की रचना सन् 1991 में की है। अमरकण्टक, मण्डला, भेड़ाघाट, ओड्कारेश्वर और भृगुकच्छ-इन पाँच सर्गाें में विभाजित यह काव्य असंख्य भार्गवर्ती गिरिशिलाओं और उपलखण्डों से संघर्षमय मार्ग बनाती और जनगणवन्दित पार्वत्यतटिनी रेवा की रोचक रामकहानी है। दक्षिणगंगा के नाम से सम्बोधित नर्मदा के तटों पर बड़ी संख्या में बने मन्दिर और तीर्थस्थल उसकी युगयुगों से चली आ रही गरिमा के, उसके नाम के साथ जुड़ी भक्ति-भावना की जीवन्त परिचायक है।

For any further information or help or for any relevant query, feel free to contact

(अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें ):

Dr Amitanshu Mishra: +91 7505359734, 9170812760

Divyanshu Mishra: +91 9315511557

Email Id: divyanshum60@gmail.com, anantnadisahitya@gmail.com

  • Facebook
  • YouTube
bottom of page